शर्माइन ने नई हमने बनाओ(बुंदेलखंडी रचना)

कभऊं अपनी घरवाली के खाना की बुराई ना करो चाहिए

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Kamini sajal soni
Kamini sajal soni 27 Jun, 2020 | 1 min read



रंजू के घरवाले राजेश की एक आदत बहुतईं खराब हती वा जा कि उनें हमेसईं दूसरन के इते की सब्जी दूसरन के इते को अचार दूसरन के इते को खाना बड़ो स्वादिष्ट लगत तो और वे खुले दिल से तारीफ करतते ।

अगर रिश्तेदारी में कभऊं खाना खाबे जानें परे तो फिर देखो जनाब कैसी तारीफ के मूड में आ जातई ।

बगल वाली शर्माइन के खाना के तो दीवानेइ हो गये हते राजेश जी ....कछु भी बनाके भेजें जुट जातईं तारीफन के पुल बांधबे के लाने ।जबके अगर वैसेइ कछु रंजू बनाए तो उमें दस खामियां निकार देतते और तो और टाठी परसतईं के साथ ही उनको मीनमेख निकारबो शुरू हो जाततो सब्जी का रंग कैसो है , दार ज्यादा पतरी काय है अगर गाढी दार है तो दार गाढ़ी ज्यादा काय है वगैरा-वगैरा ......

कभऊं -कभऊं तो रंजू बहुतईं खीज उठतती उनकी इ आदत पे भलेइ वे खाना खाबे के बाद फिर तारीफ कर दें लेकिन शुरू में तो मूड खराबई हो जात हतो रंजू को।

एक दिना रंजू ने उनखां सबक सिखाबे की सोची जब बे अपने काम पे चले गए सो रंजू ने दोपहरी को खाना बना लओ सब कछु ऊने राजेश की पसंदई को बनाओ ।

पनीर की सब्जी जोन कि राजेश खां बहुतईं पसंद हती बघरी दार , पूरी और बघरे चांउर ।

जो सब कछु बनाके खाना खाबे की टेबल पे रक्ख कें फटाफट तैयार हो गई चोंका भी अच्छी तरन से साफ कर लओ ।

अब जैसई राजेश घर के भीतर घुसो सो रंजू खां सजी संवरी देखकें पूछन लगो का बात है आज खाना नईं बनाओ का ???

कहूं से न्योंतो आओ का   ??

रंजू चहकत भई बोली न्योंतो तो नईं आओ ... पर शर्माइन के इते आज कछु मेहमान आए हते सो उननें उनोंरन के लाने खाना बनाओ हतो । अब आप उनके बनाए भए खाना की खूबईं तारीफ करत सो उननें आपके लाने सोई खाना भिजवा दओ । चलो आपकी तारीफ करबे को कछु तो फायदा मिलो एक दिना के लानेंइ सई हमें चोंकाचूल्हे से छुट्टी तो मिल गई इत्तो खुश होत भए रंजू ने कई के राजेश खां तनकऊ सक नईं भओ ।

जो सब सुनतईं राजेश खुश हो गओ और बोलो चलो भाई फटाफट भोजन करिये अब तो भूख भी बहुतईं कस कें लगी ।बस फिर का हतो दोनऊं जनें भोजन करबे बैठ गए जैसई रंजू ने टाठी में खाना परसो सो बिना कौनऊं शिकायत के राजेश ने उंगरियां चाट चाट के तारीफ करत भए खाना खाओ।

बड़े खुस होत भये पेट पे हाथ फेरत भए जब राजेश खड़ो भओ और बोलो चलो शर्माइन खां धन्यवाद तो बोल दइये ..जैसई ऊनें फोन करबे के लाने नंबर घुमाओ सो रंजू ने हाथ पकर लओ ... आंखन से अंगारे बरसात भई बोली आज आपखां भोजन में कोनऊं खामी नजर नईं आई???

हंसत भये राजेश बोलो कैसी पगलन जैसीं बातें कररईं हम तो उनसे आज बोलबे वाले हैं कि आप इखा भी कछु सिखाओ तनक ढंग से खाना बनाबो । इतनों स्वादिष्ट खाना बनाओ उन्ने ... हाय बेचारो राजेश अपनेइ जाल में बुरई तरन से फंस गओ....

रंजू से हाथ छुड़ात भए जैसई उने दुबारा फोन लगाबे की कोशिश करी  रंजू ने कस के चिल्ला के कई सुनों मिस्टर राजेश जो खाना शर्माइन ने नई हमने बनाओ हतो !! 

आज हम आपकी परीक्षा ले रये हते आप हमाये हाथ के बने खाना में खूबईं कमी निकारत हते तो काये हम सच्ची में खाना खराब बनाइत के नइतर आप की आदत आहे हमाये खाना में कमी निकारबे की और दूसरन की तारीफ करबे की....इ परीक्षा में आप पूरी तरन से फैल हो गये अब हमें पूरो विश्वास हो गओ कै हम बहुतईं अच्छो खाना बनाइत आप अपनी आदत के कारन एसो करत ते ।राजेश भोचक्को होके रंजू के मों की तरफ देखतई रै गओ ।

रंजू की आंखन से अंसुआ बहन लगी और सिसकत भए उने कई कै हम कित्ती मेहनत और प्यार से आपके लाने खाना बनात हते और आपखां उमें सिर्फ कमियईं दिखात रहीं हमाओ प्यार नजर नईं आत तो ।

राजेश बहुतईं ज्यादा शर्मिंदा हो गओ उखां शब्द नईं सूझ रये हते वो किन शब्दन से रंजू से माफी मांगे...फिर भी उने हिम्मत करत भए रंजू खां चुप कराके कई कै हमें माफ कर दो अब हम कभऊं ऐसी हरकत न करबी । हमसें अबे तक बहुतईं बड़ी गलती होत आई अपने कान पकरत भए राजेश 🙅🙅 रंजू के सामने खड़ो हो गओ।ऊकी इ अदा पर रोत-रोत रंजू हंसन लगी ।

कामिनी सजल सोनी

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Kamini sajal soni

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