आजकल का प्यार

आजकल का प्यार

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Kamalnayan
Kamalnayan 10 Nov, 2019 | 0 mins read

वाह रे आज के इश्क़ और मोहब्बत की माया,

पता नहीं ख्वाब में तू आती है या तेरी छाया,

मैं भी कहाँ घनघोर काली रात में था फंसा,

मुझे तेरा गिरगिट वाला चेहरा ही भाया ।

मेरा तो इसमें कुछ दोष था ही नही ,

तूने ही अपना दिल देके था फंसाया ,

चलो तेरे प्यार में भले देर ही सही,

मगर इसी बहाने तेरा सच सामने तो आया ।।
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