
Jyotsana Singh
jyotsanasingh
https://www.paperwiff.com/jyotsanasingh
“ज़िंदगी क्या है ? एक कहानी ही तो है।” मैं अनगढ़ बस कहानियाँ गढ़ती हूँ।


श्यामली
आख़िर ऐसा क्या हुआ कि, श्यामली ने खुद की हथेलियों को नवीन हथेलियों में बेफ़िक्री से सौंप दिया और हल्का सा रोमांच महसूस करने लगी सूखी हुई रेत पर पानी की कुछ बूँदे पड़ी तो ठंढक देने को मचल उठी।
#Unique love #Love


शबनम
“शबनम” यानी की ओस की बूँद यही नाम रखा था अब्बू ने उसका। उस ओस की बूँद को आँख का आँसू बनने में ज़्यादा वक़्त न लगा। मगर हर दर्द सहकर भी उसने अपने अश्क़ अपने में ही जब्त कर लिए।
#Influencer #Hindi #Romance

मिट्टी वाला घर
सेवियों के लिए दूध और शक्कर घर में है या नहीं इनकी बला से इन्हें तो सेवियाँ खानी है।
