इश्क़ खुद ही से

Love yourself for what you are

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Juhi Prakash Singh
Juhi Prakash Singh 04 Feb, 2021 | 1 min read

देखा जब से आईने में चेहरा अपना

दिल में खुद से ही इश्क़ की हो गयी स्थापना

तन से और मन से रूप है मेरा मनभावन

मुझे देख चित्त हो जाये सब का सुहावन

पाना जो चाहूँ पा जाऊँगी मैं

यह आत्म विश्वास भी है दृढ़ मुझ में

जीवट और कर्मठता भरी है मुझ मैं कूट कूट कर

जीवन के हर उतार चढ़ाव पर करूँ हंसकर

बहुरंगी व्यक्तित्व की हूँ मैं स्वामिनी

एक सर्वगुण संपन्न भामिनी

यूँ तो हूँ कोमल भावुक कली सी

पर समय कहे तो बन जाऊं स्थिर अडिग चट्टान सी

सौंदर्य और प्रखर बुद्धि का संगम हूँ मैं

कहो कैसे न करूँ इश्क़ खुदी से फिर मैं

सौंदर्य की सम्पूर्ण परिभाषा मुझ में है समाई

खुद ही से इश्क़ की बहार तभी है छाई

खुदी में इश्क़ को जो पा है लिया मैंने

जीवन को जीना बिना शिकवों के है सीख लिया मैंने

- जूही प्रकाश सिंह

#इश्क़ 

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Juhi Prakash Singh

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