रिश्तों के रंग

The beauty & different shades of relationships

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Juhi Prakash Singh
Juhi Prakash Singh 01 Feb, 2021 | 1 min read

रिश्ते ज़िन्दगी का दूसरा नाम हैं

प्यार मोहब्बत के यह रिशते नाते जीवन का पैग़ाम हैं

रिश्तों के हैं कई नायाब रंग

और हर रिश्ता भी समय के साथ बदलता है अपना रंग

कभी प्यार का लिए गुलाबीपन

तो कभी बेरुखी का फीकापन

रिश्तों के यह बदलते रंग

भर देते हैं जीवन में इंद्रधनुषी रंग

गर एक ही रंग रहे रिश्तों के पन्नों पर

तो ना रहे जीवन की किताब रुचिकर

हर रिश्ते में है कभी रूठना कभी मनाना

यही तो है रिश्तों का निभाना

इन रिश्तों को सहेजना जो आ जाये

ज़िन्दगी हंसी ख़ुशी बीत जाए

- ©️जूही प्रकाश सिंह 

#1000 poems

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Juhi Prakash Singh

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