Jahaji sandesh
Jahaji sandesh 03 May, 2021
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मौत से इतनी मोहब्बत न होती तो, हर कोई लुट न जाता उसकी पनाह में, जो भी इससे मुहब्बत की, फिर लौट कर नहीं आया, मौत नहीं करती मेरे ज़िस्म से प्यार , जो लिखतें है रूह की मुहब्बत को, उसे मौत ने मुकम्मल किया, इश्क़ किया,ख़ूब जिया, जीभर कर वक़्त में बहाये आंसुओं को भी पिया, अब किसी के होने से क्या फ़र्क़ पड़ना, दर्द को ख़ुद से आज मुक्त किया...।

Paperwiff

by jahajisandesh

03 May, 2021

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