Hem Lata Srivastava
Hem Lata Srivastava 03 Apr, 2021
अल्फाज़ मेरे
हमने तो चाहा था दिल की गहराइयों से तुमको, तुम्ही न जाने क्यों दगा देते रहे हमको , टूट कर बिखर हम इस कदर गए हैं, कोई अपना नज़र यहाँ आता नहीं हमको । डूबे थे इस कदर तेरी मोहब्ब्त में, हर खता माफ़ करते रहे, अहसास अब हुआ ऐ सनम, तुम तो हर पल हमसे बेवफाई करते रहे । चाहा था जिसे दिल से वो बेवफा हो चला, आईने में बसाया था तस्वीर, जिसकी वो ही आइना तोड़ चला, अब करूँ किस पर ऐतबार, जब अपना ही कोई दिल तोड़ चला । कुछ पन्ने अधूरे ही रहने दो, कुछ लम्हे तनहा ही रहने दो, यूँ कट जाएगी ये जिंदगी , गर तुम कन्धों का सहारा दे दो ।

Paperwiff

by hemlatasrivastava

03 Apr, 2021

वफा

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