आशियाना अपनों का

मोहब्बतें रख हर दिल को अपना बना ले

Originally published in hi
Reactions 0
351
Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 22 Feb, 2021 | 1 min read
#1000 poems

आशियाना अपनों का मन में सजा ले,

 मोहब्बतें रख हर दिल को अपना बना ले।


 हिंदुस्तानी बन हर नज़र में महक रहे हैं हम,

 हर मज़हब में भी नूर रब का समझ गुनगुना ले।


अतिथि-देवो-भव से दिलों में राज करे हम,

 खारा हो या मीठा सफ़र हर सुहाना बना लें।


कौन कहता है घर बनते सिर्फ चारदीवारी से,

 मीठा सा रस घोल चाहतों का आसमां बना लें।


एकता महक गुलिस्ताँ की छायी हर और,

बिखेर देहरी पे अपनत्व रंग स्वर्णिम महल बना ले।


एकता कोचर रेलन

0 likes

Published By

Ektakocharrelan

ektakocharrelanyw9l4

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.