स्कूल पे इश्क आया है

स्कूल पे इश्क आया है

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Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 16 Feb, 2021 | 1 min read
#1000poems

विधा-पद्य

स्वरचित -कविता 

शीर्षक- स्कूल पे इश्क आया है

सुन ना बाबा इक बार तू कह दे हां

मुझे स्कूल पे इश्क आया है

दिन भर ख़ूब काम करूंगी

पूरे घर का ध्यान रखूंगी

पर आज मन ललचाया है

सुन ना बाबा इक बार तू कह दे हां

मुझे स्कूल पे इश्क आया है

पढना चाहूं मैं ढेरो किताबे

किताबों पर मन आया है

रिक्शा पर स्कूल जाते बच्चें

जाने कितने सपने बुनते

मेरा भी मन उन पे आया है

सुन ना बाबा इक बार तू कह दे हां

मुझे स्कूल पे इश्क आया है

कितने ऐेसे महान इंसान हुए

जो मेहनत कर खड़े हुए

मैं भी मेहनत करूगी बाबा

छोटे भाई का ध्यान रखूंगी बाबा

सपनों का महल बनाया है

सुन ना बाबा इक बार तू कह दे हां

मुझे स्कूल पे इश्क आया है

बेटा बेटी मे अब फर्क़ नहीं

हर और सुनते हम यही

तू भी अब फर्क़ न कर बाबा

सरकार ने भी मुफ्त शिक्षा अभियान चलाया है

सुन ना बाबा इक बार तू कह दे हां

मुझे स्कूल पे इश्क आया है

पड़ लिख जो मैं जाऊंगी

 हाथ न फिर फैलाऊंगी

मासूम कंधे मेरे छलनी न होगे

चहूं और नाम अपना कर जाऊंगी

ऐसा मन में आया है

सुन ना बाबा इक बार तू कह दे हां

मुझे स्कूल पे इश्क आया है

एकता कोचर रेलन

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