तेरी हर बात को ऐ ईश,
तेरा वरदान समझते हैं।
तू रखे जिस हाल में हमको,
हाँ! तेरा उपकार समझते हैं।
नैनों से देख तेरा हर नूर,
छवि का तेरी दीदार करते हैं।
मानकर ऐ खुदा तेरी नेमत को ,
हम तहेदिल से स्वीकार करते हैं।
आंधियाँ जिंदगी में जब भी आये,
तेरी मर्जी को तेरा प्रसाद समझते है।
तुमने बख्शे जो ये रिश्तों के मोती,
ये ईश्वर का वरदान इकरार करते हैं।
शुक्रगुजार हूँ मालिक कण-कण में तेरी रंगत,
भटके ना कभी राह से यही अरदास करते हैं।
एकता कोचर रेलन
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