तुम बिन

हौले-हौले तुम्हारे संग यूँ ही महकता हूँ मैं

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Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 25 Feb, 2021 | 1 min read
#1000 poems

हौले-हौले तुम्हारे संग यूँ ही महकता हूँ मैं,

पाकर तुझको ख्वाबों में थोड़ा चहकता हूँ मैं।


मेरे जेहन में बेशक हर लम्हा याद आते हो तुम,

दर्द भरी चाहते-आगोश में तेरी डूब बरसता हूँ मैं।


तेरे संग जो बिताया हर लम्हा सुकून से जो मैंनें,

याद करके अश्कों के दामन में डूब दहकता हूँ मैं।


दिन वह भी बड़े सुहाने थे जो गुजारे संग -संग हमने,

हाले-दिल क्या सुनाऊं कुछ कह नहीं कहता हूँ मैं।

 

"एकता"मुश्किल ही गुजरेगा तुम बिन कोई पल,

तुम्हारे खो जाने के ख्याल से ही सिहर उठता हूँ मैं।

एकता कोचर रेलन

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Ektakocharrelan

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