चलो प्रियतम

चलो प्रियतम फिर प्रेम की स्मृतियों में खो जाए

Originally published in hi
Reactions 0
353
Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 21 Feb, 2021 | 1 min read
#1000 poems

चलो प्रियतम फिर प्रेम की स्मृतियों में खो जाए,

फलक तलक जा फिर उन्हीं वादियों में हो आए।


हसीन थे वो लम्हें दो घड़ी बिताकर ही खुश होते थे,

घंटों तक रहकर खामोश निगाहों में जी लेते थे।


जिम्मेदारियों की गठरी तले फीका मोहब्बत का एहसास हुआ,

मसरूफ ऐसे रहे ना शिकवा ना कभी गिला हुआ।


चलो साजन फिर उन्हीं सुनहरे पलों में फिर खो जाएं,

महसूस कर एक दूजे को दिलबर फिर एक हो जाए।


एकता कोचर रेलन

0 likes

Published By

Ektakocharrelan

ektakocharrelanyw9l4

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.