चित या पट

चित या पट

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Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 16 Feb, 2021 | 1 min read
Success Life is important Struggle Hardwork Direction

"चित या पट" मनू हौले-हौले खुद से ही बात कर रहा था!! चित आया तो दोस्तों के साथ जाऊंगा वरना पट आने पर किताबों से साथ निभाऊंगा।

मनू ने जैसे ही जोर से सिक्का उछाला वो खुद भी हाथ में आया सिक्का देख उछल पड़ा। फिर क्या!!

चल दिया दोस्तों के साथ सिनेमाघर की और!!!!

बस अब तो धीरे-धीरे यही रंग भाने लगे!!

 आज मनू का रिजल्ट आने वाला था ।पर आज मनू का चित नहीं आया!! दोनों हाथ जोर से पटक घुटनों के बल बैठ गया।

रह- रहकर मन में एक ही डर था !!किस मुँह से माँ -बाप के सम्मुख जायेगा। आज उसके पट ने उसकी जिंदगी ही बदल डाली थी।

घर के अंदर घुसने से पहले मनू ने फिर सिक्का उछाला पर इस बार वह चित या पट के लिए नहीं था बल्कि वह इतना दूर जाकर हवाओं में विलीन हुआ मानों अँखियों में उसके प्रति कभी कोई मोह था ही नहीं!!

मनू आज समझ गया था उस सिक्के की तरह हवा में विलीन कर दिये आज उसने अपने सभी विचार!! जो उसे रोक रहे थे आगे बढ़ने से!!

एकता कोचर रेलन


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