तुम बिन सूना लगे सपन हर मेरा

मेरे ख्वाबों से ना आप दूर जाइये, तुम बिन सूना लगे सपन हर मेरा। खुशबू बनके महको फिजाओं में तुम, और महका दो सूना आंगन मेरा।

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Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 23 Jun, 2020 | 1 min read

गीत सृजन- 

तुम बिन सूना लगे सपन हर मेरा


मेरे ख्वाबों से ना आप दूर जाइये,

तुम बिन सूना लगे सपन हर मेरा।


खुशबू बनके महको फिजाओं में तुम,

और महका दो सूना आंगन मेरा।


मेरी रूह में इस कदर रच-बस गए कि, 

 पलकें उठाऊं गिराऊं करूं तेरा सजदा।


तुम को चाहूंगी मैं यूं ही हर लम्हा,

सुनिए प्रिय दिल संभालना मेरा।


आखिरी सांस तक तुझे पुकारू अगर ,

सोचिए गुजारूंगी कैसे यूं हर लम्हा।


मोहब्बत में मेरी अब रंग भर दीजिए,

आंखों से दिल को महसूस कीजिए।


आए हो अंधेरें जीवन में इस कदर,

आइए आकर जरा रोशनी भर दीजिए।


इश्क में मेरा अब सफ़र कटता नहीं,

 तुम आओ मोहब्बत का बांध सेहरा।


शर्म-ओ-हया में मेरे ना जाइए ,

खुलकर कहिए जरा रुख ना मोड़िए।


तुम हो सुंदर, सहज तुम्हारा ह्रदय ,

पत्थर बनने का ना यतन कीजिए।


मोम से हो रहे जो दिलबर अब बनें

आइए ख्वाबों में मेरे समा जाइए।


एकता कोचर रेलन, सोनीपत

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Ektakocharrelan

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Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    👌👌

  • ARUN SHUKLA Arjun · 3 years ago last edited 3 years ago

    शानदार रचना

  • Ektakocharrelan · 3 years ago last edited 3 years ago

    Kumar Sandeep shukriya

  • Ektakocharrelan · 3 years ago last edited 3 years ago

    Arun shukla arjun ji shukriya aapka

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