इश्क का खुमार

इश्क के समन्दर में चल बह चले सनम, छा रहा इश्क का खुमार तेरे हो रहे हम।

Originally published in hi
Reactions 0
548
Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 28 Sep, 2020 | 1 min read
Humsafar Mausam Pyar Life Sargam

इश्क के समन्दर में चल बह चले सनम,

छा रहा इश्क का खुमार तेरे हो रहे हम।


उठ रहा है धुआँ लगी चाहत की तलब,

गुजारिश है संग रहना अब जन्म -जन्म।


नगमों में तेरे प्रिय झूम रहा मेरा मन,

 शिद्दत से पलकें बिछाएं करो हम पर कर्म।


खुशगवार है मौसम चांदनी भी महक रही ,

 मोहब्बत के इन लम्हों में रम जाएं हम।


छेड़ दो महबूब कोई ऐसा राग या नज़्म,

चाँद भी भूल जाएं सहर का हर सफ़र।


मधुर तान पर परिंदे भी गुनगुनाएंगे,

तारों संग हसीन होगी शाम- ओ- सहर।


वक्त थम जाएं अब यही ऐ मेरे हमसफ़र,

बैठे रहे तेरे पहलू में यूं ही जन्म- जन्म।


एकता कोचर रेलन


0 likes

Published By

Ektakocharrelan

ektakocharrelanyw9l4

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.