चलो आज खुद को बदला जाये

चलो आज खुद को बदला जाये

Originally published in hi
❤️ 0
💬 0
👁 634
Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 23 Feb, 2021 | 1 min read
#1000 poems

चलो आज खुद को बदला जाये,

 थोड़ा वक्त दे खुद संग चला जाये।

लगे रहे रिश्तों को निखारने में कब से,

अपने ख्वाबों में थोड़ा रंग मला जाये।

छूट गई मंजिले जो पीछे  थी कहीं,

ले उड़ान हौसलों की संभला जाये।

होती नहीं राहें धूमिल कभी यकीनन,

कांटों  संग अब गुलाब सा ढला जाये।

मुस्कुराकर करो हर पल का स्वागत,

 मन की भावनाओं को ना मसला जाये।

भरे इरादों के सुनहरे रंग जीवन में,

बेरंग रंगों को इरादों से कुचला जाये।

"एकता"  निश्चित ही उड़ान भरोगी तुम,

रोशनी स्वयं की झलक दिखला जाये।

एकता कोचर रेलन

0 likes

Support Ektakocharrelan

Please login to support the author.

Published By

Ektakocharrelan

ektakocharrelanyw9l4

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.