Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 14 Sep, 2020
जय हिंदी
आहा! कितना सुखद अहसास मिला! बरसों बाद भारत भूमि पर कदम रखा! वहीं हवा! वहीं पानी! मन को चैन मिल गया यहां अपनों का प्यार ,अपनी भाषा! नस-नस में हिंदी ही तो थी मेरे! आज जाकर चैन मिला । बरसों बाद नीरु अपने घर लौट सोच रही थी। हाँ हिंदी मेरा अभिमान इससे ही मेरे जीवन की शान जय हिंदी 🌹 एकता कोचर रेलन

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by ektakocharrelanyw9l4

14 Sep, 2020

जय हिंदी

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