Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 11 Mar, 2021
दर्द
पुरुष क्यूं तुम्हें खुद पर इतना अंहकार, नारी भी रखती है पटरी पर बराबरी का अधिकार। तीखे व्यंग्य अक्सर तेरे दर्द देते हैं अन्दर तक मुझे- कभी तो बोल प्यारे बोल दे मुझको सम्मान। घर की सब जिम्मेदारियों में श्रेय मुझे जाता है क्या हुआ जो बाहर का दायित्व तू निभाता है घर की नींव मजबूत होगी लंबी हर राह में तभी! जब समझेगा तू नारी को हमसफ़र देगा उसे सम्मान। एकता कोचर रेलन

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by ektakocharrelanyw9l4

11 Mar, 2021

दर्द

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