Deepali sanotia
29 Jul, 2021
सुकूँ भरा लम्स!
क्या फूलों की ख़ुशबू ही मन को लुभाती है?
सामने कोने वाले घर के आँगन में
वो जो पेड़ है ना चांदनी का
मन्द-मन्द हवाओं से,
तारों से टिमटिमाते फूल मन को लुभाते हैं।
ये फूल निसर्ग से ख़ुशबू कहां पाते हैं!
बिखर जाते हैं धरा पर
क़दमों को सुकूँ भरा लम्स दे जाते हैं।
Paperwiff
by deepalisanotia
29 Jul, 2021
Poetry
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.