समय

Time'

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Dakshal Kumar Vyas
Dakshal Kumar Vyas 20 May, 2022 | 0 mins read
Time Paperwiff

लड़ खड़ा ता चल रहा था

उठ रहा था संभल रहा था

पहचान बना रहा था विश्व में

यह देश मेरा उठ रहा था

एकदम से आया एक झोंका

की कि ..

बेसाकिया छिन ली जिसने

आया यह तूफा जहान से

जिंदागिया लि जिसने

फिर किसी ने दिया मंत्र आत्मनिर्भर आत्मनिर्भर

देश मेरा उठा, खड़ा ,चला, हिम्मत नहीं हारी हिम्मत नहीं हरी

तूफान कहां से आ चला

देश की अखंडता को जंजोर न सका


दक्षल कुमार व्यास

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Dakshal Kumar Vyas

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