नर संहार

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Dakshal Kumar Vyas
Dakshal Kumar Vyas 07 Dec, 2022 | 0 mins read
College Unemployment Strees City Crime'

जब पिशाच नर वेश में आता है

तब फल की जगह मानव शरीर काट फ्रिज में रखता है

हाथ कांपना, दिल दहलना ये इन पिशाचों के लिए नहीं

पैसे न देने पर एक बेटा पिता के पांच टुकड़े कर देता है

लिव इन रिलेशन में रहता एक दरिंदा प्रेमिका के 35 टुकड़े कर देता है

बाप को मारा, मां ने बेटी को मारा, लोगों ने एक युवक को नग्न कर मारा,

पति ने पत्नी को अर्दनग्न कर घर से बाहर निकल दिया, एक कन्हैया का सर भरे बाजार में काट दिया

जब ये सब करते ये दरिंदे न कतराए

तो कानून क्यों विलंब कर रहा सजा देने मे

ओर जनता क्यों सहयोग दे रही अपराध करने में

जब चारों और नर संहार हो रहा तो लोग या तो मज़े ले रहे

या घरों में बैठे चाय की चुस्की ले रहे

न विचार हैं न उद्देश्य हैं

बस हमको क्या आग तो पड़ोस में लगी है हमारे थोड़ी न।


दक्षल कुमार व्यास


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