रक्षा बंधन

A poem about sister brother love

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Varsha Abhishek jain
Varsha Abhishek jain 31 Jul, 2020 | 1 min read

माना इस बार आ ना पाऊंगी

भाई तेरी कलाई सजा ना पाऊंगी

बंधन ये तो प्यार का है

तू खुश है ये सोच खुश हो जाऊंगी।


भाई भाभी ओर भतीजे

सब है प्यारे,दिल के टुकड़े

मां मेरी जो लाड लडाए,

पापा जी भर प्यार लुटाए

प्यार का बंधन अटूट होंजाए


किस्मत से ये प्यार मिला है,

ऐसा खुशहाल परिवार मिला है

भाई को मैं मोती से तोलू

प्रेम का आदर हर बार मिला है


भाभी मेरी मां की परछाईं

मायके में रौनक ले आई

उसके जैसा कोई ना दूजा

भाई की वो करती है पूजा


मां बाबा की याद है आई

बचपन के दिन लौटाए

सबसे मिल बिन ना रह पाऊंगी ,

भाई मेरे मैं जल्दी आऊंगी।


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