Titleआँसू की परिभाषा

आँसू की आग

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Bhavna Thaker
Bhavna Thaker 05 Oct, 2020 | 1 min read
Prem Bajaj

अनकहे शब्दों की परिभाषा है आँसूं कभी खुशियों की इंतेहाँ है तो कभी गम से उठता गद्दर है आँसूं। 


प्रताड़ित हुई हर नारी की हलक में अटकी विद्रोह की चींख का प्रतिबिम्ब है आँसूं, तो कभी हंसी के आसमान पर छाए बादलों की बौछार है आँसूं।


बेटी की बिदाई पर बहती कसक है आँसूं तो कभी मौत की सच्चाई का मातम है आँसूं, अपनों के वार पर मौन मुस्कान के पीछे दबी आहों का मौसम है आँसूं।


हंसने में और खुश होने में बहुत फ़र्क होता है हदय के सन्नाटे से घिरी सिसकीयों का साया है आँसूं, हंसी और खुशी दोनों के सच्चे साथी है आँसूं। 


जरूरी नहीं लब पर जिनके हंसी ठहरी हो ज़हन में उसके खुशियाँ भरी हो, किसीके अपनेपन भरे दो बोल पर जो पीड़ छलके उस दर्द की दास्तान है आँसूं। 


एक हुनर ये भी तो होता है साहब कहाँ दो तरह के आँसूओं को पहचानने वाले मिलते है अक्सर, पहचान ले जो वही तो सच्चा यार और आशिक कहलाता है यारों। 

भावु।

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