Title

एक दिल को झकझोर देने वाली कहानी

Originally published in hi
Reactions 0
584
Avanti Srivastav
Avanti Srivastav 23 Aug, 2020 | 1 min read
Irony

शीर्षक : प्यादे की बादशाहत


राठी सर बुरी तरह शशांक को लताड़ रहे थे

" तुम आज कल के युवा , कुछ सिखना ही नहीं चाहते,बस पैकज चाहिए बड़े बड़े और काम..........कुछ नहीं आता।


शशांक एम.बी.ए. कर अभी दो महीने पहले ही मैनेजर के पद पर कार्यरत हुआ था। हमेशा अव्वल रहने वाला शायद ही उसे किसी ने इतनी ऊंची आवाज़ में डांटा हो।


इससे पहले वह कुछ कहे चपरासी चाय लेकर आ गया

मगर सर उसी रौ में " यु डफर " बोल गए। जिसे सुन चपरासी भी मंद मंद मुस्कुरा उठा।


शशांक ने खुद को बेहद अपमानित महसूस किया

वह जी जान से नए कामकाज को सीखने की कोशिश कर रहा है पर राठी सर , डांटने का मौका ढूंढ ही लेते हैं।


१५ दिन बाद

राठी सर हैरान परेशान बैठे थे और शशांक एक फाइल लेकर उनके पास पहुंचा

" सर ये देख लिजिए"।

" बाद में ले आना"।

"सर ! परेशान हैं?"

" हां! मैनैजिगं डायरेक्टर ने बुलाया है कुछ टेंडर का मामला है"।

तभी चपरासी आया

" राठी सर ! डायरेक्टर साहब ने आपको अभी बुलाया है"।

यह सुन उनके पसीने छूट गए


शशांक ने हिम्मत देते हुए कहा " मैं भी चलता हूं सर आपके साथ , आपकी तबियत ठीक नहीं लग रही"।


वहां शशांक बाहर खड़ा रहा और राठी सर अंदर गए

" आपको पता है! आपकी ज़रा सी गलती की वजह से कम्पनी का दो करोड़ का टेंडर पास नहीं हुआ" ।

" सर मुझे नहीं पता ये कैसे हुआ, मैंने वही लिखा था जो ऊपर से निर्देश आए थे, मुझे लगता है बाद में किसी ने बदले"।


ऐसे बेकार के बहाने मैं सुनना नहीं चाहता और ऐसी लापरवाही की इस कम्पनी में कोई जगह नहीं, आज से आप का काम वो नया लड़का ........


" शशांक सर " 

" हां ! वो देख लेगा " 

" आपको नौकरी से निकाला जाता है" 8

" सर प्लीज .....एक मौका और .....

" यु मे गो नाउ! ....

लड़खड़ाते कदमों से राठी सर अपने कैबिन में पहुंचे, अपना सारा पर्सनल समान समेटा व केबिन की चाबियां शशांक को दे कर गाड़ी में बैठ गये।


तभी शशांक " सर आपको बहुत मिस करूंगा फिर धीरे से कान में " पर आपको उस दिन 'यु डफर' नहीं बोलना चाहिए था" ।

राठी सर ने एक झटके से शशांक की तरफ देखा तो उसकी आंखें कुटिल मुस्कान लिए थी।

उन्हें ध्यान आया वो अक्सर चाबियां शशांक को दे केबिन लॉक करने का बोल , खुद गाड़ी में बैठ जाते थे।

कैसे एक प्यादे ने बादशाहत हासिल की उन्हें समझते देर नहीं लगी।



मौलिक व स्वरचित

अवंती श्रीवास्तव






0 likes

Published By

Avanti Srivastav

avantisrivastav

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.