आज मैं शब्दों की खेती अपने देश के विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के गुण गान करने लिए करूंगी।
मेरे सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं
हम सभी देशवासी अपने देश से बहुत प्यार करते हैं व ऐसी बहुत सारी उपलब्धियां हैं हमारे देश की, जिन पर हमें गर्व है।
एक भोजन प्रेमी होने के नाते मैं अपने देश के विभिन्न प्रकार के व्यंजनों पर फिदा हूं।
इतनी विविधता है भोजन में अगर आप हर प्रांत का एक व्यंजन रोज़ बनाए तो भी 365 दिन रोज़ कुछ नया खा सकते है।
साधारण व सादे व्यंजन जैसे दाल, चावल व खिचड़ी से लेकर खूब चटपटे व मसालेदार व्यंजन जैसे चाट, कचौरी या मुगलई सब्जियां।
कुरकुरे नाश्ते जैसे दालमोंठ, खुरमे से लेकर नरम मुलायम खमण व इडली
मीठी खीर, लड्डू बर्फी से लेकर चटखारे दिलाने वाले विभिन्न प्रकार के आचार
हर स्वाद मौजूद है, हर जिव्हा को तृप्त करने के लिए।
सबसे अनोखा है एक ही सामाग्री से कई तरह के व्यंजनों को बनाना ।
अब सूजी या रवा को ही ले लीजिए इससे बनने वाले व्यंजन जैसे इडली, उत्तपम, उपमा, अप्पे, हलवा आदि
बेसन से जैसे गट्टे, कढ़ी, पकौड़ी,चीला, धोका,सोहनपापड़ी, मैसूर पाक, बुंदी , बुंदी के लड्डू , बर्फी ......उफ्फ थक गई बताते बताते फिर भी बहुत से छुट गए।
अपने देश में हम भोजन पकाने की सभी विधियां इस्तेमाल करते हैं जैसे उबालना, भाप में पकाना, तलना व सेंकना।
कई व्यंजन खुद में पूर्ण है जैसे छोले भटूरे, इडली सांभर,दही चावल,राजमा चावल, परांठा सब्जी आदि।
मुझे तो लगता है कढ़ी जिस भी व्यक्ति ने इजा़द की उसे तो पुरुस्कृत करना चाहिए।इतना अभिनव प्रयोग कोई बिरला ही करें।
बेसन का यह रूप बड़ा मनमोहक है। कढ़ी उबल रही है तो उसकी खुशबू , मूंह में पानी लाने के लिए काफी है।
वही मुलायम सी मुस्कुराती इडली जब सांभर के आगोश में समाती है तो कहना ही क्या......
हमारे देश में प्रसव उपरांत नई मांओ को देने के लिए भी पूरी श्रृंखला है व्यंजनों की जैसे आटे की पन्नियां, हरिरा
दलिया की खीर, जापे के लड्डू जिसमें सोंठ,मेथी व गोंद होती है।
यह नई उर्जा, व स्वाद से तो भरे होते ही है औषधिय गुण भी लिए हुए है।
हमारी पारंपरिक भोजन की थाली पूरी तरह से सम्पूर्ण आहार है जिसमें मुख्यत: दाल, रोटी,चावल , कोई मौसमी सब्जी, साथ में छांछ,सलाद, रायता चटनी व अचार होता है
हम सब जानते है दाल जहां प्रोटीन देती है, रोटी और चावल कार्बोहाइड्रेट के स्त्रोत है।सब्जी व सलाद विटामिन से भरपूर । छांछ भोजन पचाने में मदद करती है ।
तो है न... हमारी थाली सबसे निराली।
स्वरचित व मौलिक
अवंती श्रीवास्तव
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Bahut khoob
बहुत बढ़िया
Thankyou so much bua and charu
Very nice
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