किसने कहा था?

व्यंग्यात्मक एवं संदेश परक गजल लिखने का एक प्रयास

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ARUN SHUKLA Arjun
ARUN SHUKLA Arjun 16 Oct, 2020 | 1 min read

ग़ज़ल

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दिल की अदा बेरंग हो किसने कहा था?

चांद पर पहुंँचो मियां किसने कहा था?


इंसानियत बसती न रत्ती भर किसी में,

इंसान को इंसान फिर किसने कहा था?


 सारी समस्या मोल ले ली आप ही,

आमद से अधिक खर्चे करो किसने कहा था?


दो वक्त की रोटी बसर करने को है काफी,

उठा लो आसमाँ सर पर तुम्हें किसने कहा था?


बैठो छाँव बूढ़ों के तजुर्बा अस्ल हो हासिल, 

बिना तालीम के कामिल बनो किसने कहा था?


जुबान-ए-हिंद है हिंदी तो मुस्लिम की जुबाँ उर्दू, 

मंदिर और मस्जिद पर लड़ो किसने कहा था?


सच की डगर को छोड़कर भटको अरुण, 

बना लो झूठ को परछाइयां किसने कहा था?


कवि अरुण शुक्ल अर्जुन

रतेवरा करपिया कोरांव प्रयागराज

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