योग दिवस पर दोहे

आज 21 जून अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस पर मुझ अकिंचन कलम के सिपाही का लोगों के नाम कुछ संदेश

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ARUN SHUKLA Arjun
ARUN SHUKLA Arjun 21 Jun, 2020 | 1 min read

योग-दिवस पर दोहे

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योग नहीं यह कुंजिका, औषधि है यह एक।

इसके नित व्यवहार से, मिटते रोग अनेक।1।


प्रात-काल उठ कर करो, खुली हवा में योग।

राजा रंक फकीर सब, रहते सदा निरोग।2।


योगासन को पूर्ण कर, कर थोड़ा विश्राम। 

तन को स्वस्थ बनाइए,खुद करिए सब काम।3।


पथ्यापथ्य‌ विचार कर, करो शुद्ध आहार।

औषधियों की फिर कभी, होगी ना दरकार।4।


आलस रिपु सबसे बड़ा, मानव बसा शरीर।

योग करो आलस हरो, बदलो खुद तकदीर।5।


करो नमन नित सूर्य का, करिए प्राणायाम।

बस जाएंगे हृदय में , खुदा- कृष्ण - श्री राम।6।


योग दिवस काफी नहीं, योगासन नित हेतु।

आओ मिलकर हम बनें, जन-जीवन के सेतु।7।

अरुण शुक्ल अर्जुन

प्रयागराज

 (पूर्णत: मौलिक स्वरचित एवं सर्वाधिकार सुरक्षित)



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