माँ

माँ पर क्या लिखा जाए,उसने तो स्वयं हमें लिखा है।पर फिर भी कुछ लिखने का साहस किया है, सिर्फ़ प्रेमवश...पढ़िएगा ज़रूर

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ARCHANA ANAND
ARCHANA ANAND 22 Aug, 2020 | 0 mins read
#lifetales #parents

मैं मरुभूमि का क्लांत पथिक

माँ मरुद्यान के झरने सी

मैं व्यथा, निराशा की गाथा

वह तमस,कलुष सब हरने सी

जीवन कटु अनुभव की शाला

वह नानीमाँ की लोरी सी

यह अंतहीन खींचातानी

और वह ममता की डोरी सी

वह प्रेम, स्नेह का है सिंचन

मेरे हिय का है अभिनंदन

वह करुणा की है निर्झरिणी

वह है मेरा नंदनकानन

जितना भी लिखूँ, कम ही पड़ता

गुण इतने सारे तुझमें हैं

मुझको ईश्वर का क्या करना

मेरा ईश्वर तो तुझमें है !

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ARCHANA ANAND

archana2jhs

Comments

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  • Kumar Sandeep · 5 years ago last edited 5 years ago

    भावपूर्ण रचना

  • Sonnu Lamba · 5 years ago last edited 5 years ago

    बेहतरीन

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