माँ

माँ पर क्या लिखा जाए,उसने तो स्वयं हमें लिखा है।पर फिर भी कुछ लिखने का साहस किया है, सिर्फ़ प्रेमवश...पढ़िएगा ज़रूर

Originally published in hi
Reactions 2
453
ARCHANA ANAND
ARCHANA ANAND 22 Aug, 2020 | 0 mins read
#lifetales #parents

मैं मरुभूमि का क्लांत पथिक

माँ मरुद्यान के झरने सी

मैं व्यथा, निराशा की गाथा

वह तमस,कलुष सब हरने सी

जीवन कटु अनुभव की शाला

वह नानीमाँ की लोरी सी

यह अंतहीन खींचातानी

और वह ममता की डोरी सी

वह प्रेम, स्नेह का है सिंचन

मेरे हिय का है अभिनंदन

वह करुणा की है निर्झरिणी

वह है मेरा नंदनकानन

जितना भी लिखूँ, कम ही पड़ता

गुण इतने सारे तुझमें हैं

मुझको ईश्वर का क्या करना

मेरा ईश्वर तो तुझमें है !

2 likes

Published By

ARCHANA ANAND

archana2jhs

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    भावपूर्ण रचना

  • Sonnu Lamba · 3 years ago last edited 3 years ago

    बेहतरीन

Please Login or Create a free account to comment.