#पेपर विफ बालकथा स्वरचित बालकथा

वीर एक समझदार बालक है,जो सबका आदर करता है।

Originally published in hi
Reactions 1
417
Dr. Anju Lata Singh 'Priyam'
Dr. Anju Lata Singh 'Priyam' 08 Jan, 2022 | 1 min read

#paperwiff kids

स्वरचित बाल कथा

शीर्षक- "मम्मी:सबसे अच्छी"

घर के टैरेस-गार्डन में बैठा हुआ वीर नीचे आंगन के कोने में लगे नीम के पेड़ की डाल पर बैठी चिड़िया और उसके नन्हे बच्चों को बहुत ध्यान से देख रहा था.

चिड़िया बार-बार उड़कर जाती और मुंडेर पर दादी द्वारा रखे हुए भीगे चावल चोंच में दबा-दबाकर लाती और उन बच्चों को खिलाती।

लाल-गुलाबी रंग के मुलायम मुलायम से वे छोटे बच्चे उसे बहुत प्यारे लग रहे थे।

- तू भी ऐसा ही था रे! जब छोटा था।तेरी मम्मी ऐसे ही तुझे चुग्गा देती थी। रात-रात भर जागती थी, घर का काम और नौकरी भी करती थी बेचारी। कड़ी मेहनत की है बेटा तुझे पालने में। मां तो भगवान का रुप होती है इस जमीन पर।बस संतान को यह बात समझनी चाहिए।

- हां दादी पापा भी कहते हैं मुझसे यह बात। मेरी मम्मी सच में बहुत अच्छी हैं।

- आपको भी बड़े होकर अपने मम्मी पापा का ऐसे ही ध्यान रखना होगा जैसे वे हमारा रखते हैं। समझे बेटा!

दादा जी पौधे सींचते हुए बोले।

- दादा जी देखिये, कल मुझे "माय फैमिली"टॉपिक पर पेंटिंग बनाने पर फर्स्ट प्राइज मिला है।

- अरे वाह! इसमें तो हमारे वीर बेटे ने दादा-दादी, मम्मी-पापा और अपने साथ माली बाबा की भी सुंदर तस्वीर बनाई है। 

- अब तो वीर बाबू हमको रोज राम-राम भी करत हैं साहिब!

-हमारी मैडम ने सिखाया है दादू। सभी बड़ों को प्रणाम करना चाहिये और छोटों को प्यार। मुझसे छोटा तो कोई है ही नहीं।

अब मैं इन चिड़िया के बच्चों को प्यार करूंगा और बगीचे में दिखने वाली गिलहरी और उड़ने वाली तितली को प्यार करूंगा।

-ठीक है ना दादी दादू?

खुश होकर दादी ने वीर को अपनी गोदी में बिठा लिया और मां का गीत सुनाने लगीं। 

  _____________________

स्वरचित- डा. अंजु लता सिंह, नई दिल्ली




  ________









1 likes

Published By

Dr. Anju Lata Singh 'Priyam'

anjugahlot

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.