जिंदगी:एक इम्तिहान (स्वरचित गीत)

जिंदगी हमारी परीक्षा लेती है।शैशव से लेकर जीवन-संध्या काल तक गम और खुशी में समान भाव से रहना ही सच्चे इंसान की पहचान है।

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Dr. Anju Lata Singh 'Priyam'
Dr. Anju Lata Singh 'Priyam' 05 Mar, 2023 | 1 min read

मत कहो भाती नहीं है भार है ये जिंदगी

बस कहो स्वीकार है हां प्यार है ये जिंदगी

पथ में कांटे भी चुभेंगे,फूल कलियां भी चुनेंगे

चमन महकेगा खुशी का,पतझड़ों के वार होंगे

पतझड़ों से मत डरो, बहार है ये जिंदगी

इम्तहां लेने को नित तैयार है ये जिंदगी

मत कहो....


तीरों से तरकश भरेंगे, जुल्म अपने ही करेंगे

आएंगी विपदाएं सिर पर,नयन अश्रु से भरेंगे

सामना करना पड़ेगा जीत और हार का

खेल का मैदान है ये,कर्म और व्यवहार का

मुस्कुराकर खेल लो खिलवाड़ है ये जिंदगी

मत कहो...


अंधियारे कितने भी घेरें,उम्मीदों के हों सवेरे

सीखने होंगे गुरू से,ज्ञान के रोशन उजेरे

नित परीक्षा ले रही,अनमोल इसकी बंदगी

गर्व से भरकर नसीहत दे रही ये जिंदगी

प्यार है ये..


शैशव की रौनक सुहानी,खूब करते हैं शैतानी

मां लगे है जिंदगी सी,महिमा न जाए बखानी

कोई न पढ़ने का झंझट,जिद भी पूरी हों फटाफट

लाड़ करते हैं गुरू भी,हों भले ही दंदी फंदी

मत कहो...

रचयिता-डा.अंजु लता सिंह गहलौत,नई दिल्ली

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Dr. Anju Lata Singh 'Priyam'

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