सहेलियां

सहयोग,सद्भावना,बुजुर्गों के प्रति सेवाभाव सभी सहेलियों की सच्ची समवेत दोस्ती की ओर संकेत है।

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Dr. Anju Lata Singh 'Priyam'
Dr. Anju Lata Singh 'Priyam' 01 Aug, 2021 | 1 min read

स्वरचित लघुकथा- 

शीर्षक-

"सहेलियां"

लाॅक डाउन के चलते नीरा और उसकी सहेलियां हाॅस्टल में बहुत बोर होने लगी थीं। न तो वे काॅलेज ही जा पा रही थीं और न ही घर वापसी हो पा रही थी।

आज शाम को बरखा के बाद अचानक खुशनुमा मौसम होने से नीरा,कमला,नूरी,बिंदु,प्राचीऔर सुधा मास्क लगाकर छोटी पहाड़ी तक भ्रमण करने निकल पड़ीं। साफ आसमान में रुई के समान सुंदर बादलों को देखकर सभी फिल्मी गाने गुनगुनाए जा रही थीं, कि तभी उन्हें जंगल की ओर से किसी के कराहने की आवाज सुनाई दी। सभी उसी दिशा में भागकर पहुंची तो देखा, कि एक बुजुर्ग व्यक्ति घायल दशा में पड़ा मुश्किल से ही सांसें ले पा रहा था। पूछने पर पता चला- वह नाव चलाने वाला एक गरीब व्यक्ति था,जोकि बाढ़ की लहरों में फंस गया था। इस दौरान ही किसी जंगली जानवर ने उस पर बुरी तरह हमला भी कर दिया था।

तभी नूरी की नजर रोड पर जाते एक ट्रक पर पड़ी और उसने तेजी से भाग कर उसे रोका। सभी सहेलियों ने उन्हें सहारा देकर ट्रॉली में बिठाया और उन्हें अस्पताल पहुंचाकर अपने अपने पास से अपने जेब खर्च के पैसे इकट्ठे करके वहां जमा कराए और उनका अच्छा इलाज कराया।

नाविक ने उन्हें देवियों का अवतार बताते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया।

लौटने के बाद हॉस्टल की वार्डन फिलोमीना साल्वे ने उन्हें सच्ची मित्रता और सहयोग की भावना के कारण अपनी ओर से कुछ उपहार देकर सम्मानित किया।   

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रचयिता-

डा.अंजु लता सिंह 'प्रियम'नई दिल्ली

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Dr. Anju Lata Singh 'Priyam'

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