"थैंक्यू सांता"(लघुकथा)

सांता बच्चों के प्यारे होते हैं।उपहार पाकर वे सभी उपकृत होते हैं।

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Dr. Anju Lata Singh 'Priyam'
Dr. Anju Lata Singh 'Priyam' 18 Dec, 2021 | 1 min read

स्वरचित लघुकथा

शीर्षक-"थैंक्यू सांता"

क्रिसमस डे पर इस बार विराज की दीदी उसके लिये स्कूल बैग, ढेर सारी चॉकलेट्स,चिप्स,आदमकद सांताक्लाॅज,सजावट का सामान और क्रिसमस ट्री लाई थीं।वह बेहद खुश था।

शाम को उसके पापा एक और स्कूल बैग और केक ले आए थे।

शाम को उसने घरेलू सेविका के चार वर्षीय बेटे नोनू को अपनी मां से क्रिसमस गिफ्ट लेने की जिद करते देख मन में कुछ सोचा

वह भागकर अपने रूम में गया और गिफ्ट पेपर में नया स्कूल बैग और ढेर सारे अन्य उपहार रखकर पैक कर लिये।

रात को पार्टी में उसने नोनू को केक खिलाते हुए सांताक्लाॅज की झोली से गिफ्ट निकालकर उसे दिये और गले मिला।

अचानक नोनू आल्हादित होकर बोला- थैंक्यू सांता ब्रदर!मैरी क्रिसमस।

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लेखिका- डा. अंजु लता सिंह, नई दिल्ली

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Dr. Anju Lata Singh 'Priyam'

anjugahlot

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Kumar Sandeep · 2 years ago last edited 2 years ago

    शिक्षात्मक

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