Title-"तेरे आने से"(कविता)

प्रतीक्षा के बाद मिलने का सुख अनिर्वचनीय होता है।

Originally published in hi
Reactions 0
329
Dr. Anju Lata Singh 'Priyam'
Dr. Anju Lata Singh 'Priyam' 05 Jan, 2022 | 1 min read

स्वरचितकविता

"तेरे आने से"

बरसों बुनी मैंने यादों की चादर

कटते रहें यूं ,निशा और बासर

चंदा सा बेटा, वधू चांदनी सी

नन्हीं सी बोली,लगे रागिनी सी


भीगी हैं पलकें, दुःख का बवंडर

सूख रहा मेरे,दिल का समंदर

मिलने की सोची है अबके जो तूने

लगी हूं तभी से दिनों को मैं गिनने


तेरे आने से मौसम बदल गया देख

चमकने लगी मेरी किस्मत की रेख

बड़े दिन हुआ आज दिलकश समां

हुई भोर प्यारी, तिरोहित अमां


रचयिता-डा.अंजु लता सिंह, नई दिल्ली


0 likes

Published By

Dr. Anju Lata Singh 'Priyam'

anjugahlot

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.