एक चिंगारी काफी है...
कोई करे जब समालोचना- कलमकार के लेखन की- परिवर्द्धित कर वही लेखनी - बने चहेती हर मन की... एक चिंगारी ही काफी है- परिवर्तन की ज्वाल जगा दे, भाग्योदय कर दे कर्मठ का- कर उजास अंधकार भगा दे.

Paperwiff

by anjugahlot

12 Oct, 2021

चिंगारी/उजास/परिवर्तन

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