जल्दी

औरत की ज़िन्दगी में जल्दी शब्द, धीरे धीरे औरत को ही भुला देता है।

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Anita Bhardwaj
Anita Bhardwaj 10 Dec, 2020 | 0 mins read

बिटिया हुई है,

जल्दी से बचत करनी शुरू करो!

स्कूल जाने लगी है,

जल्दी से इसे पहनने ओढ़ने का सलीका सिखाओ!

कॉलेज जाने लगी है,

जल्दी घर के काम करने का तरीका सिखाओ!

मंडप तैयार है

जल्दी से कन्या को बुलाओ!

बहू आ गई,

जल्दी से स्वागत के लिए आओ!

बहू आज रसोई की रस्म निभाएगी,

बहू! जल्दी जल्दी हाथ चलाओ!

बहू अब जल्दी से हमें पोते का मुंह दिखाओ!

मेरे कपड़े तैयार कर दिए!मेरा टिफिन भी ले आओ!

बहू जल्दी मेरी चाय ले आओ! मुन्ने को जल्दी चुप कराओ!!

बेटे के जन्मदिन का उत्सव है, जल्दी जल्दी काम निपटाओ।

घर में सबके खाने पीने का ध्यान रखो, जल्दी जल्दी पकवान बनाओ!

केक काटने का वक्त हो गया, जल्दी तैयार हो जाओ!

बहुत ढीली हो बहू! जल्दी जल्दी हाथ चलाओ!

और यूंही एक दिन जल्दी जल्दी करते हुए,

धीरे धीरे खुद को भूल जाओ!!

अनीता भारद्वाज

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Anita Bhardwaj

anitabhardwaj

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Charu Chauhan · 3 years ago last edited 3 years ago

    👍

  • Anita Bhardwaj · 3 years ago last edited 3 years ago

    Shukriya apka 🙏🏻

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