किसान

किसान के बिना दुनिया का अस्तित्व नहीं है।

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Anita Bhardwaj
Anita Bhardwaj 28 Nov, 2020 | 1 min read

जिस देश में अन्नदाता का अपमान हो,

ड्रग्स की पुड़िया की चर्चा पर घमासान हो,

अन्नदाता के संघर्ष पर किसी का ना ध्यान हो,

बेवजह की खबरों पर टीवी वाले खींचते ध्यान हो, 

नेता सोएं आराम से,सड़क पर अन्नदाता परेशान हो,

अंत निकट है उस देश का, सुनलो लगा के कान हो,

जिसने पेट भरा,आज उसका दिल भर आया है;

इन नेताओं ने उसे भूखे पेट सुलाया है,

ठंड की सर्द रातों में;सड़को पर पानी बरसाया है,

जय जवान जय किसान वाले देश में,

जवान और किसान को भिडवाया है,

सोच लो अंत निकट आया है।

      अनीता भारद्वाज



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Anita Bhardwaj

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