Anita Bhardwaj
Anita Bhardwaj 29 Nov, 2020
ज़िंदा औरतें
ज़िंदा औरतें समाज को कहां बर्दाश्त होती है!! जो गाय सी भोली हो, मोरनी सी सुंदर हो; बस वो ही तो इनके लिए खास होती है। जिनमें ये जानवरों सी खूबियां ना हो, ऐसी इंसानी खूबियों वाली ज़िंदा औरतें; समाज को कहां बर्दाश्त होती है!!

Paperwiff

by anitabhardwaj

29 Nov, 2020

औरते भी इंसान होती है।

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.