चाय,बारिश और दोस्ती

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Aman G Mishra
Aman G Mishra 10 Sep, 2019 | 1 min read

" चाय , बारिश और नया अभ्यर्थी का आगमन ".....

अभी मैं सो कर उठा ही था कि पंकज का फोन आ गया वो बोला चल यार मैं 10 मिनट में छोटे भाई को लेकर आता हूँ उसका कोचिंग में एडमिशन करवाना है और कुछ books भी लेना है , मैं बोला चल ठीक है आजा ....

10 मिनट बोलकर 20 मिनट में पंकज अपने छोटे भाई को लेकर आया , उसके भाई ने मुझे नमस्ते कहा मैंने पूछा छोटू क्या नाम है तुम्हारा , वो बोला पवन नाम है भैया ...पंकज - चलो ना यार इसका इंट्रोडक्शन रास्ते मे लेना । हम तीनों गांधी चौक की तरफ चल दिये ...पवन तो रास्ते भर विभिन्न कोचिंग के पम्पलेट को देख दर्शन कर रहा था ...खैर जहाँ पर मैं और पंकज कोचिंग किये थे वही पर उसका एडमिशन करा दिए वो भी 20 % डिस्काऊंट के साथ ...वापसी में कुछ करेंट अफ़ेयर के books भी लिए , महेश फ़ास्ट फ़ूड में मंचूरियन भी खा लिए , अब आई चाय की बारी ..........

.......................

पंकज - चल यार आज दूसरे जगह चाय पीने चलते है

मैं - भग यहाँ से , वही अपनी पुराने चाय वाले के पास चाय पियेंगे

पंकज - ठीक है मालिक चल 

मैं - मन ही मन सोचा , इसका भाई आज आया है , ये आज मेरे से बहस नही कर पायेगा 

हम चाय ठेला पर पहुँच गए , वहाँ पहले से ही बेरोजगारों की भीड़ लगी हुई थी , जो विभिन्न मुद्दों पर बात कर रहे थे , जैसे - नई vacancy कब आएगी , जीडीपी पर चर्चा , राजनीतिक पार्टी की बुराई , उनमे से कुछ मजनू लोग अपनी भविष्य की दुल्हन से प्रताड़ित लग रहे थे....

चाय वाला - कैसे भैया बहुत दिन बाद आना हुआ

मैं - कुछ नही भैया कुछ दिनों से थोड़ा बिज़ी था 

चाय वाला - अरे ये छोटू कौन है

मैं - पंकज का छोटा भाई है

चाय वाला - अच्छा छोटू भी psc की तैयारी करेगा

मैं - क्यो नही करेगा , गांधी चौक मतलब psc , psc मतलब p = पोहा , S = समोसा , C = चाय ....भले ही psc ना निकले लेकिन 4 या 5 सालो के बाद पटवारी , बाबू , हॉस्टल वार्डन तो बन जाये..........

.................

चाय वाले ने हमे चाय दिया , हम तीनों चाय पी ही रहे थे कि इतने में जोरदार बारिश का आगमन हुआ , चूकि बरसात का मौसम है तो बारिश होना जरूरी भी है ....बारिश के कारण चाय ठेला पर भीड़ बढ़ती ही जा रही थी , इतने में 4 , 5 लड़कियों की टोली बैग लटकाए हुए , भीगती हुई चाय ठेले में सभी का आगमन हुआ ( शायद कोचिंग जा रही हो ) 

पहली चसमिश लड़कीं - नीलम मैं तुझे बोली थी छाता रख ले , लेकिन तूने मना कर दिया कि आज बारिश नही होगी , तेरे बारिश के चक्कर मे मेरा मेकअप बिगड़ गया 

नीलम - खी खी करते हुए , तो रख लेती ना , बारिश क्या बता कर आएगी ...

दूसरी चसमिश लड़कीं- भैया चाय देना

नीलम - मैं नही पीऊंगी चाय 

पहली चसमिश - क्यो नही पीयेगी

नीलम - चाय पीने से काले हो जाते है

इतने में मेरे , पंकज और उसकी सहेली की भी हँसी छूट गई 

चाय वाला - क्या हुआ भैया

मैं - कुछ नही हुआ , वो इकोनॉमिक्स सर्वे का डाटा याद गया

चाय वाला - अच्छा तो ये बात है , अभी जीडीपी क्या चल रहा है..

पंकज - 5 %

चाय वाला - इतना कम , अभी तो कुछ दिन पहले ठीक था , ये राहुल गांधी भी ना...?

मैं - क्या राहुल गांधी , अभी सरकार मोदी जी की है , आपके हीरो की ...

चाय वाला - छोड़ो ना भैया क्या जीडीपी में लगे हो , वो 370 कश्मीर से हटा मैं खुश हूं 

पंकज - अच्छा है , तथास्तु ...✋

इतने में कब हमारी चाय खत्म हो गयी पता ही नही चला ...हर बार की तरह फिर से चाय वाले ने 3 और चाय पकड़ा दिए , जोरदार बारिश अभी भी हो रही थी 

चूंकि ठेले में भीड़ बढ़ती ही जा रही थी , बेरोजगारों का चाय पीने , बारिश से बचने हेतु ठेले पर अतिक्रमण लगा हुआ था जो कि कोचिंग और बेरोजगारों के जीवन मे संतुलन की भूमिका निभा रहा था.....कुछ देर में बारिश कम हुई , 

मैं - चाय वाले से , कितना हुआ आज का 

चाय वाला - छोड़ो ना कल दे देना आते जाते ,

आप तो भाई हो अपने

पंकज - ले लो भैया , अभी मंदी चल रहा है , कल ये भी ना मिले ...

इतने में हम सभी के साथ , वहाँ कुछ और चाय प्रेमियो की भी हंसी छूट गयी , बारिश कम हो रही थी 

चाय वाले को पैसे देने के बाद हम तीनों अपने रूम की तरफ चल दिये 

पंकज - रात में आना पनीर की सब्जी बना रहा हूँ

मैं - हा आता हूँ , वैसे भी ये टिफिन का खाना खा कर बोर हो गया हूँ ............


" और हा अभी भी हल्की हल्की बारिश हो रही थी "

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Aman G Mishra

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