नकाब

A short story about masks on some social faces....

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Ajay goyal
Ajay goyal 02 Apr, 2023 | 1 min read

अरे! भाग कर आई है| मैंनें खुद अपनी आँखों से उसे कलुआ के साथ देखा था|"

"अच्छा! कलमुँहे! मेरा ही लड़का मिला तुम्हें बदनाम करने को| वो तो परसों से बस्ती में है ही नहीं|" कलुआ की माँ भीड़ में से बाहर निकल कर बोली|

"अरे नहीं| मुझे तो यह कोई डायन या चुड़ैल लगती है| बस्ती के नदी तट वाले श्मशान घाट के पास से निकल कर आई है|" एक बड़े ही आत्मविश्वास के साथ बोला|

"हाँ, हाँ| मैनें भी खून से सना एक हँसिया देखा था उसके हाथ में| पक्का कोई न कोई चुड़ैल है यह|"

"वो उधर खिड़की पर देखो| कैसे घूर रही है हमारे बच्चों को! सब अपने-अपने बच्चों को अंदर ले जाओ|" एक चिल्लाया|

"वाह! क्या लोग हैं इस दुनिया के? कोई मुझसे क्यों नहीं पूछता कि मैं कौन हूँ, कहाँ से आई हूँ, मेरे हँसिये पर लगा खून किसका है?" मन ही मन खिड़की पर खड़ी-खड़ी सोचने लगी वह|

तभी उस तीव्र स्वर को सुन उसकी तन्द्रा टूटी|

"जाओ, जल्दी से कोई केरोसिन लेकर आओ| इसे झोंपड़ी को ही आग लगा देते है| वरना यह डायन हमारे बच्चों को खा जायेगी| जाओ, कोई जाकर साँकल लगा दो बाहर से|"

"आओ, कौन आ रहा है आग लगाने|" खून से सना हँसिया हाथ में ले बाहर आई वह|

"अरे रमिया! तू! पर तू तो सरपंच के लड़के के साथ भाग गई थी|" लालटेन की रोशनी में चेहरा देखकर स्तब्धित कई स्वर तार-तार कपड़ों में लिपटी रमिया को देख एक साथ बोले|

"भागी नहीं थी| उठाकर ले जाई गई थी| और कुछ लोग उनमें से यहाँ भी...| खून लगे हँसिये को रमिया हवा में लहराते हुए बोली|

वहाँ धीरे-धीरे भीड़ छँटने लगी थी| कुछ चेहरों को नकाब उतरने का डर था|

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Ajay goyal

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Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Firdous Khan · 1 year ago last edited 1 year ago

    Bahot hi badhiya peshkash is kahani ko ek short story ke roop me dekh rahi hu mein bahot hi acchi koshish. Proud of u.

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