कलयुगी इंसान

इंसानियत कम होती जा रही है । हमें वही मानव बने रहना है जो भगवान ने बनाया है, कलयुग में हमें कलयुगी इंसान नहीं बनना है ।

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Aarti Kushwah
Aarti Kushwah 20 Nov, 2022 | 1 min read

सुना है हमने कि इंसान भगवान द्वारा बनाई गई सबसे खूबसूरत कृति है,

फिर वह इंसान ऐसा तो नहीं हो सकता,

जो किसी को कोख में मार देता है,

और किसी नवज़ात को झाड़ियों में फेंक देता है,

क्यों हो रही है माँ की ममता और पिता का प्यार तार-तार?

जबकि अंश भी तो उनका है,

सँवारा है भगवान ने बड़े लहजे से इंसान को,

फिर क्यों इंसान हैवान बन गया ?

क्यों हुआ निर्भया, दिशा, अंकिता के साथ ऐसा ?

इंसान तो ऐसा नहीं कर सकता,

होते हैं गुरु सम्मानित हर जगह,

फिर क्यों बन गए वही हत्यारे ?

क्या कसूर था नन्हीं-सी जान का ?

पिया तो सिर्फ मटके से पानी ही था,

मानते हैं भगवान का रूप जिस नन्हीं-सी जान को,

फिर क्यों बीच चौराहे एक छोटे बच्चे को बेरहमी से पीटा जाता है ?

पूजते हैं हर घर में भगवान को,

फिर क्यों उसे बचाने कोई सामने नहीं आता है ?

सुना है कि बसते हैं कण-कण में भगवान,

फिर क्यों गलत किया जाता है और गलत होता देख भगवान को दुख पहुँचाया जाता है ?

नहीं हो सकते ये वो इंसान, जो भगवान ने बनाए हैं,

आखिर कहाँ खो गए वो इंसान, जो इंसानियत निभाते हैं ?




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