बीमारी की आज मार पड़ रही,
हर धर्म है आज चमक रहा है,
जंक फूड सब खत्म हो गये,
सब है घर पर व्यंजन बना रहे।।
प्रदूषण आज कम हो गया,
खुला आसमान चमक रहा है,
अपनो के लिए आज जी रहे है,
डाक्टर,पुलिस रक्षा कर रहे है।।
जरूरते सब सिमट गई है,
थोड़े मे सब कम चला रहे,
कल तक जो सरपट भाग रहे थे,
आज वह सब घर मे रह रहे है।।
गाने-मुजरे सब बंद हो गये,
रमायण,महाभारत धुन बज रही,
हाथ मिलाना छोड कर सब यहाँ,
जोड़ हाथ अभिवादन स्वीकार कर रहे।।
हवाई,रेल,बस यात्रा बंद है तो,
पद यात्रा कर भारत बदल रहे,
शीतल पेय अनर्गल हो गया,
लस्सी चाय बना सब मजे कर रहे।।
बिग बोस के दिन गये अब,
ज्येष्ठ भ्राता श्री आज बहुत भड़क रहे,
आज भारत बदल रहा है,
बीते दिन को याद कर रहे है।।
©Udit jain
(Delhi)
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Sundar rachna
Very nice
Thank you manisha ji
Thank you babita ji
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