वो भी क्या दिन थे दोस्ती वाले

मेरा यार है तू सबसे प्यारा दुनिया मे नही कोई सितारा

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udit jain
udit jain 30 Jul, 2020 | 1 min read
world friend life

वो भी क्या दिन थे,

जब दोस्तो की मस्ती संग पापा की डांट मिलती,

स्कूल के टिफिन बांटने पर मम्मी से थप्पड़ की बौछार मिलती,

भागते थे अपनो से दूर वह खुशी पाने,

जो किसी संसार मे नही मिलती याद है ना।।


वो भी क्या दिन थे,

सुबह की पहली किरण तक रातों की बातों का यूँ चलना,

खिलौनो की तोड़ फोड़ पर उसकी मम्मी से शिकायत का कहना,

चलते चलते पीछे कही छुपकर उसको बाद मे डराना,

पापा से झूठ बोलकर मूवी को बाहर जाना याद है ना।।


वो भी क्या दिन थे,

खेल खेल मे रोकर उसकी जीत का जश्न मनाना,

स्कूल मे काम न करने पर अपनी पुस्तक उसको दे देना,

स्कूल की हर शैतानी मे बराबरी की हिस्सेदारी,

और टीचर के मम्मी पापा बुलाने पर किसी और को पकड़ लेना याद है ना।।


वो भी क्या दिन थे,

पढ़ाई का बहाना और घर मे तेरे जाना,

पुस्तक के बीच मे मोबाइल का फिर आना,

दबे पांव बाहर जाना और किसी को न पता लगना,

अपनी मिलने की तड़प को दुनिया से न छुपाना याद है ना।।


-उदित जैन

@imuditjain

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