Shweta Gupta
Shweta Gupta 08 Feb, 2024
Story prompt #5
सूरज ढलते ही आसमान अपना रंग बदलने लगता है, ख़ुदा हाफ़िज़ कर 'कल मिलते हैं' कहकर चल पड़ता है। अँधेरी होने लगती रात, पत्तों पर ओस गिरने लगती है, सन्नाटा कालिख बिखेरता, सड़कें भी अजनबी सी लगती हैं। घर को जो रस्ता जाए वही अपना सा लगता है, आंखें बिछा राह देखती होगी मां,उसे देखने को मन बेचैन रहता है।

Paperwiff

by Shweta Gupta

08 Feb, 2024

ढल गया दिन

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