Shweta Gupta
Shweta Gupta 03 Jul, 2022
बचपन का साथी
आज भी याद है मेरे गाओं में लगा वो दरख़्त, जिसपर दोस्तों संग खेलते खेलते बीत जाता था सारा वक़्त. आज उसी वक़्त से आगे भागने की होड़ में, मैं भूल गया हूँ खुदको, याद करके वो बचपन के दिन, उसी विशाल पेड़ की ठंडी छाओं में पाता हूँ खुदको.

Paperwiff

by Shweta Gupta

03 Jul, 2022

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