Psychology Article-10

कोरोना के ख़ौफ़ ने ली जान।

Originally published in hi
Reactions 0
860
Savita vishal patel
Savita vishal patel 14 May, 2020 | 1 min read

मम्मी....... मम्मी.......बोलता हुआ संतोष घर आया।क्या हुआ क्यो चिल्ला रहा है संतोष की माँ अंजू ने कहा।मम्मी ... ऐसा बोल कर संतोष उनके पैर पर गिर पड़ा और जोर-जोर सर रोने लगा।हुआ क्या है बेटा कुछ तो बोल।मम्मी ...मम्मी ...इसके अलावा वो कुछ बोल ही नही पा रहा है।हिम्मत करके बोला को जो मेरा दोस्त है ना अखिल उसको कोरोना हो गया है।अंजू बोली क्या??????तेरा बेस्ट फ्रेंड अखिल ???हां माँ मैं अभी अस्पताल से आ रहा हूँ।उसको कुछ होगा तो नही न माँ?अंजू ने उसको समझते हुए कहा कुछ नही होगा।मैं हूं न अंजू के आँखों मे भी आँसू थे संतोष और अखिल बचपन के दोस्त जो है दोनो में मैने कभी कोई भेद-भाव नही किया मानो वो मेरा दूसरा बेटा हो।
संतोष बहुत दुखी और परेशान रहने लगा सारा टाइम अखिल के बारे में सोचता रहता।न जाने कब ठीक होना मेरा दोस्त?डॉक्टर तो मुझे उससे मिलने भी नही देते।
संतोष खुद में ही खोया रहता।किसी से बात नही करता और न ही किसी से मिलता।संतोष से रहा नही गया और वो अस्पताल पहुँच ही गया अपनी माँ को बिना बताए।अखिल से बहुत दिनों के बाद मिला बहुत अच्छा लगा उसे।शायद ये उनकी आखिरी मुलाकात होगी।संतोष के सामने अखिल ने दम तोड़ दिया।यह तुरन्त उससे दूर हुआ और घर चला गया।
अब तो संतोष और परेसान रहने लगा।घर से बाहर आना-जाना पूरी तरह से बंद कर दिया,सारी - सारी रात जगता रहता,कई-कई दिनों तक बिस्तर में लेते रहता था।उसे कही न कही ये डर था कि वो अखिल से मिलने गया था तो कही मुझे कोरोना तो नही हो गया होगा।

उसकी माँ से उसकी यह हालत देखी नही गई और वो उसे डॉक्टर के पास ले कर गई और पूरी बात बताई।
डॉक्टर ने कहा संतोष डिप्रेशन का शिकार हो गया है।
फिर क्या था वह और परेशान रहने लगा।।
रात को सब सो चुके थे।पर संतोष की आँखों मे नींद नही थी।तभी उसको खांशी का एक ठसका लगा।फिर तो उसे पूरा यकीन हो गया कि मुझे कोरोना हो गया है।जबकि वो सामान्य ठसका था।अगर मुझे कोरोना हो गया तो मेरे परिवार को भी हो जाएगा।
गलने दिन अंजू आधे घंटे से आवाज रहा रही थी पर संतोष न ही बाहर आया ओर न ही आवाज लगाई।
अंजू को चिंता हुई बाहर खिड़की से जा कर देखा तो संतोष ने फाँसी लगा ली थी।
अंजू को तो यही लगा कि उसने अपने दोस्त को खो दिया है इसलिए फांसी लगाई पर सच तो यह था कि उसे यह लगा था कि उसे कोरोना हो गया है और डिप्रेशन के कारण उसने आत्महत्या की थी।

नॉट-हमे किसी भी खाँसी को कोरोना नही समझना चाहिए।सिर्फ खाँसी से कोरोना नही होता।अपने परिवार में बड़ो को बताएं या डॉक्टर से सम्पर्क करें।

तो चलिए डिप्रेशन के बारे में और जानकारी ले।

डिप्रेशन-
किसी भी व्यक्ति के जीवन में अपने जीवन साथी या दोस्त के प्रति बहुत अधिक लगाव प्रमुखता इसका सबसे बड़ा कारण होता है। अवसाद की अवस्था में व्यक्ति स्वयं को लाचार और निराश महसूस करता है। उस व्यक्ति के लिए सुख, शांति, सफलता, खुशी के बारे में विचार करता रहता है। 

डिप्रेशन के लक्षण-

*थकान आना।
*नीद न आना।
*पीठ में दर्द होना।
*चिड़चिड़ा पन होना।
*अधिक गुस्सा आना।
*किसी चीज या विशेष का डर होना।
*बुरे ख्याल आना।

डिप्रेशन के उपाय-

*सबसे पहले  डिप्रेशन दूर करने के लिए आठ घंटे की नींद लें। नींद पूरी होगी तो दिमाग तरोताजा होगा और नकारात्मक भाव मन में जायेगे।
*प्रतिदिन सूरज की रोशनी में कुछ देर जरूर रहें। इससे डिप्रेशन जल्दी हटेगा।
*बाहर टहलने जाएं।
*अपने काम का पूरा हिसाब रखें।
*ध्यान व योग को दिनचर्या में शामिल करे।


सविता कुशवाहा

0 likes

Published By

Savita vishal patel

Savitavishalpatel

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.