देवर से लड़ाई

Family drama.

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Savita vishal patel
Savita vishal patel 04 Jun, 2020 | 1 min read

कही घूमने चलते है ना जब से शादी हुई है मैं कही भी नही गई सारा दिन घर पर रह कर बोर हो जाती हूं।मैने अपने पति देव अनिल से कहा।अनिल बोले मैं तुम्हे बताना भूल गया भैया-भाभी ने आज रात को हमे खाने पर बुलाया है।मैं बहुत खुश थी मेरी खुशी का ठिकाना ही नही था।अनिल 10 बजे आफिस चले गए।तब मैंने सोचा जल्दी-जल्दी सारा काम खत्म कर लेती हूं।दिन के 2 बजे थे मैं बर्तन धो रही थी बर्तन पूरे धूल ही चुके थे कि मेरा देवर आया और बोला भाभी हमे खाना लगा दो।मैंने कहा भैया बस 2 मिनिट रुक जाओ बस लगा ही रही हूं।इतने मैं वो भड़क गए बोले रहने दो तुम मैं खुद लगा लुगा इतना बोल कर उन्होंने खुद ही खाना ले लिया।जब मैंने कहा और कुछ तो नही चाहिए भैया उन्होंने कोई जवाब नही दिया।मुझे बहुत बुरा लगा नई-नई शादी और देवर का ऐसा बर्ताव।


शाम को जब अनिल आये मैने उन्हें सब बता दिया।अनिल बोले तुम उनसे हाथ जोड़ कर माफी मांग लो मैने कहा मेरी गलती क्या थी जो मैं माफी मांगू।सिर्फ 2 मिनिट रुकने को कहा था और अगर खुद से खाना निकाल भी लिया तो क्या परेशानी है थोड़ा सा काम करने से छोटे नही हो जायेगे वो वैसे भी सारा दिन घर मे पड़े-पड़े प्पजी ही खेलते है।शाम को हम दोनों भैया भाभी के घर गए।अगली सुबह जब मैं उन्हें चाय देने गई तो उन्होंने लेने से साफ मना कर दिया बोले खुद बना कर पियेंगे और उन्होंने खुद बना कर पी।।कुछ देर बाद जब मम्मी जी ने उनसे कहा कि बहु ने पालक पनीर बनाया हैं कहा लो।तो जल्दी से खाने या गए।

मुझे तो चाय खुद बना कर पी है तो मेरे हाथ का खाना भी नही खायेंगे।तब मैं समझ गई कि सब कुछ ज्यादा दिनों तक नही चलेगा।


सविता कुशवाहा

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