आखिर एक औरत चाहती क्या है??

एक औरत क्या चाहती है उसी को बताता है मेरा यह लेख। क्योंकि यह सच है, एक औरत कोई भी हो माँ, पत्नी, बहन या दोस्त ।उसके दिल तक पहुंचना कोई बहुत मुश्किल नहीं होता ।

Originally published in hi
Reactions 2
691
Charu Chauhan
Charu Chauhan 10 Dec, 2020 | 1 min read
heart relationship Womanlife honesty

दृश्य 1- नीलिमा आज शाम को आने वाले मेहमानों के स्वागत और उनके खाने की तैयारी में सुबह से लगी थी। बीच-बीच में पति राजीव मदद करने के लिए नीलिमा के पास आए जा रहे थे लेकिन वह उन्हें वापिस भेज देती थी। आज दोपहर का खाना भी उसने बहुत जल्दी जल्दी में खाया था। सुबह से खड़े - खड़े पैर जवाब देने लगे थे। शरीर थक कर चूर हो रहा था। तभी पति राजीव रसोई में आयें और कलछी लेकर पूरी तलने लगे। इस बार राजीव को देख कर नीलिमा की हंसी छूट गई। राजीव ने बोला क्या हुआ भई, तुम्हारी मदद ही तो करने आया हूँ। अच्छा... छोड़ो तुम्हें यह काम भी पसंद नहीं आया तो मैं कुछ और काम करता हूँ। और सब्जियों के डोंगे, सलाद और पूरियों की प्लेट उठा कर चल दिये डायनिंग टेबल पर रखने के लिए। लेकिन उनकी यह बात नीलिमा में नया जोश भर गयी।


दृश्य 2- नीरज ऑफिस से आ रहा था। रास्ते में उसे एक फूल वाला दिखा। कुछ सोचा, फिर एक गुलाब श्रीमती जी के लिए खरीद लिया। और जाकर लगा दिया उनके उलझे बालों के बेतरतीब जूड़े में। लेकिन नीरज के एक स्पर्श और उस गुलाब ने कमाल कर दिया। श्रीमती जी के होंठों पर आयी वो लंबी सी मुस्कराहट सब बयां कर रही थी। उलझे बालों, बेढंगे कपडों और नाखूनों में भरे आटे में भी खुद को महारानी समझ रही थी। दोनों के बासी हो चुके रिश्ते में बहार फिर से दस्तक दे रही थी । और इस प्यार की गर्माहट सीधे पहुंची श्रीमती जी के दिल तक।


दृश्य 3- घर की धुरी ही अगर बीमार हो जाए तो क्या हो?? घर का अस्तित्व ही जैसे खतरे में आ जाता है ना। लेकिन जब हिमानी को टायफाइड हुआ तो उसका पूरा साथ दिया पति नमन और सास सरला जी ने। हिमानी के इलाज वाले खाने की जिम्मेदारी ली नमन ने। बाकी सदस्यों के खाने व बाकी काम की जिम्मेदारी सास ने अपने कंधों पर ली। बच्चों जो दिन भर हल्ला करते थे अब मम्मी की तीमामदारी में लगे थे। सबने मिल कर हिमानी को पूरा आराम दिया और उसकी देखभाल की। यह सब देखकर ठीक होने के बाद हिमानी का नजरिया ही बदल गया। उखड़ी उखड़ी रहने वाली हिमानी अब पहले से ज्यादा खुश रहने लगी थी। सास भी अब पूरे दिन सिर्फ उसे बड़बड़ाती नहीं दिखती क्योंकि अब उनकी भेंट भी हिमानी के दिल से हो चुकी थी।


दृश्य 4- रागिनी की शादी अजय से तय हुई। सगाई के 20 दिन बाद अचानक रागिनी के पापा की किडनी में कोई प्रॉब्लम हुई । आनन फानन में ऑपरेशन करना पड़ा। ऑपरेशन में ज्यादा खर्च होने के कारण शादी तयनुमा ढंग से नहीं हो पायी। रागिनी और उसके घर वाले इस बात से काफी चिंचित थे। शादी के दूसरे दिन ही बुआ सास ने इस बात पर तंज कसा। रागिनी रोने को आयी। लेकिन सास ने बीच में ही बात काटते हुए कहा - दीदी, हमें सिर्फ अच्छी लड़की चाहिए थी और वो हमें रागिनी के रूप में मिल गयी। कृपया, आगे से इस बात का जिक्र इस घर में ना करें। क्योंकि मैं अपने संबंधियों और अपनी बहू की बेइज्जती बर्दाश्त नहीं करूंगी। यह सुनकर रागिनी के मन में सास के लिए इज्जत तो बढ़ी थी साथ ही वो उसके दिल का हिस्सा भी बन गयी।



एक औरत कोई भी हो माँ, पत्नी, बहन या दोस्त। उसके दिल तक पहुंचना कोई बहुत मुश्किल नहीं होता और ना ही कोई एक विशिष्ट रास्ता होता है । अनेक रास्ते हैं उसके दिल तक पहुंचने के लिए। बस पहल की आवश्यकता होती है। उसकी कोई मदद कर दे या उसके सम्मान की रक्षा कर दे। कोई स्पेशल महसूस करा दे या तबीयत खराब में सर सहला दे । वह तुरंत ही उसे अपने दिल में स्थान दे देती है। छोटी छोटी बातों से भी उसके दिल पर राज किया जा सकता है। बस कोशिश ईमानदार होनी चाहिए।


धन्यवाद 🙏


स्वरचित व मौलिक

चारु चौहान


2 likes

Published By

Charu Chauhan

Poetry_by_charu

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.