Charu Chauhan
Charu Chauhan 24 Feb, 2021
सीख
अच्छा था सफर तुम्हारे संग, कंटीली राहें बनी थी, मखमली सिंदूरी बिस्तर। तुम्हारी सीख अपना, हो गयी मैं भी मगन। सच छोड़ दिया मैंने भी, कड़वाहट को पीछे, देखती हूँ बस खुशियों का दर्पण। याद रखती हूँ तुमको और तेरा कहना, भला क्यूँ याद रखना? जो था कल जीवन में बुरा।

Paperwiff

by charudv3p6

24 Feb, 2021

अच्छा-बुरा

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