भूमि मां

अपने आस पास का वातावरण स्वच्छ रखें और यह प्रेरणा अपने मित्र जनों को भी दें ।।

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Manu jain
Manu jain 05 Jun, 2020 | 1 min read

तेरे इस प्यार के सामने ना‌ जाने क्यों अंधे हो गए हम 

आंख खुली तो पता चला बहुत निकम्मे हो गए हैं हम 


बहुत काटें पेड़ हमने और सारा संसार दूषित कर दिया

तेरी सांसों को भी नहीं छोड़ा और वायु प्रदूषण कर दिया


तेरी मिट्टी में कभी एक अलग ही भीनी खुशबू थी 

जो अब कूड़ा-करकट का जंजाल बन गया है


कोशिश करती बहुत हूं पर सुधरता नहीं संसार है 

तेरी बारिश की बूंदें बहुत ही अच्छी लगती थी


कुछ दशक क्या बीत गए वो सुहावनी बूंदें 

अम्ल वर्षा बन गिरने लगी है 


हरा भरा तेरा आंचल खूब संवरने लगा था

लोगों ने नियत बिगाड़ी तो वैश्विक तापमान बढ़ने लगा है


सागर का पानी भी लहर लहर के बहता था 

लोगों ने जहाज डुबोया और तेल सागर में ठहर गया है


हां दिए हैं हमने ज़ख्म कई और मां तुझे बहुत रूलाया है

हम मां वहीं बच्चे हैं जिसने तुझे बहुत तड़पाया है


टूटता देख रही हूं तुझे ना जाने कितने बरसों से

सरकार ने वादा किया था साफ करा देंगे नदी नाले परसों से


मुझे पता है मां तू भी ये झूठे वादों से अब परेशान हो गई है

पर क्या करूं मां ये वही खुदगर्ज इंसान हैं


कहती हूं इसलिए जब कभी भी समय मिले लगा दो तुम एक पौधा

ये देख खुश होगी धरती मां और इससे बढ़ जाएगा तुम्हारा औदा 


दिख जाए तुम्हें कहीं भी पड़ा हुआ कचरा तो करदो साफ

ना फेंको तुम कचरा बाहर ना किसी को भी फेंकने दो आप





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Manu jain

ManuJain

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    उत्कृष्ट सृजन

  • Vineeta Dhiman · 3 years ago last edited 3 years ago

    सटीक, वाह

  • Moumita Bagchi · 3 years ago last edited 3 years ago

    बहुत बढ़िया👏🏻👏🏻

  • Manu jain · 3 years ago last edited 3 years ago

    Thank you so much ❤️😊

  • Sunita Pawar · 3 years ago last edited 3 years ago

    बहुत बढ़िया, वाह

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