मैं भी एक इंसान हूं

हमें किसी भी इंसान को उसके background या उसके fame से नहीं judge करना चाहिए । बल्कि उसकी हंसी के पीछे का कारण और उसके व्यक्तित्व को समझना चाहिए ।

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Manu jain
Manu jain 16 Jun, 2020 | 1 min read


मैं भी एक इंसान हूं

में एक किताब हूं,

कभी पढ़कर देखो।

में भी एक इंसान हूं,

कभी समझकर देखो।

यूँ ना देखो मुझे, 

जैसे में कोई गैर हूं।

में भी एक हिस्सा हूं,

में भी एक किस्सा हूँ।

मत समझो मेरे मुस्कुराते चेहरे को देखकर, की में खुश हूं।

कभी मुझे समझकर देखो,

की कितना दर्द है, मेरे अंदर भी।

जताता नही हूं,

दिखता नही हूं।

में भी एक किताब हूं,

कभी पढ़कर देखो।

में भी एक इंसान हूं,

कभी समझकर देखो।

कभी तुम कुछ अपनी कहो, 

कभी तुम कुछ मेरी सुनो।

खुले आसमान मे,

अब तो मुझे उड़ने दो।

में भी एक इंसान हूं,

अब तो मुझे जीने दो।


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Manu jain

ManuJain

Comments

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  • Kumar Sandeep · 5 years ago last edited 5 years ago

    बहुत ही शानदार और संदेशप्रद सृजन लिखती हैं आप दी।

  • Kumar Sandeep · 5 years ago last edited 5 years ago

    बहुत ही शानदार और संदेशप्रद सृजन लिखती हैं आप दी।

  • Manu jain · 5 years ago last edited 5 years ago

    बहुत आभार आपका संदीप जी ?

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